चंडी माता बसदी पहाड़

  • Chandi Mata basadi pahad

चंडी माता बसदी पहाड़,
भक्तों जाना दरबार,
करना है मां दा श्रृंगार,
हो भक्तों जाना दरबार।

हाथी चूड़ा लाल लाल मेहंदी,
नाक विच नथिली छम छम कहदी,
करके शृंगार चंडी मंदरे च बेहंदी,
चली जाना भक्तों चली जाना हो,
चंडी मां दी आई है पुकार भक्तों जाना दरबार।

मां दी चुनरी नू लावा मै मोती,
हर घर में मां की पूजा है होती,
सबके दिलों में मां की है ज्योति,
नची जाना भगतो नची जाना हो,
मंदिरे च छाई-ए बाहार भगतो जाना दरबार।

चंडी मां की यात्रा है आंदी,
अपने भक्तों को मां है बुलाती,
सब की मचेल झोली भर जाती,
पाई लेना दर्शन पाई लेना हो,
डूबदी दी नैया मजधार भग्तो जाना दरबार।

आई पूजेया चंडी मां दे द्वारे,
हम सब मां तेरी आरती उतारे,
चंडी मा दा होया दीदार-ए,
गाई जाना भक्तों – गाई जाना हो,
मंदरा च लगी है कतार ओ भक्तों जाना दरबार।

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