चालो मारी रेल भवानी

  • chalo mari rel bhawani

चालो म्हारी रेल भवानी ये चाला संता रे देश,

मारा सतगुरु खोली बारी , हुई टिकट की तैयारी,
बैठ चलो नर नारी रे, सिवरा देव गणेश,

मारा सतगुरु बणिया टीटी ,गार्ड लगाई सिटी ,
या दुनिया पड़ गई फीकी रे ,भूल्या फिरे नरेश,

कोई हरि हरि झण्डी हाली, डाक डगा मग चाली,
दस बीस कोष पर हाली रे, मिट जा कर्म क्लेश,

संत सुखी राम उदासी ,सत अमरापुर रो वासी,
थारो फेर जन्म नही आसी रे ,साँचा लिया उपदेश,

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