चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ असी आये तेरे दीदार नु
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ,
असी आये तेरे दीदार नु,
माँ जगदम्बे शेरा वालिये,
आज खोले दे भरे भंडार नु,
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ……
तू है जानी जान भवानी,
तेथो कोई गल लुकी नही,
मोह ममता दी आग भड़कदी,
कोई वी जग विच सुखी नही,
कोई होर न दिसदा ऐह आसरा,
हुन कर दे माँ बेडा पार तू,
माँ जगदम्बे शेरा वालिये,
अज खोल दे भरे भंडार नु,
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ ………..
तू दाती दया जिस ते कर दे,
उसदी उची शान है माँ,
तेरी किरपा जिस ते हो जाये,
उस दा जग विच मान है माँ,
मैं मैयां जी दास अनजान हां,
सुनो माता मेरी पुकार नु,
माँ जगदम्बे शेरा वालिये,
अज खोल दे भरे भंडार नु,
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ…….
माँ मैं तेरे दवार ते सजदा ते कर लवा,
रिश्ते नाते झूठे सारे,
देख लये अजमा के माँ,
तेरे दर ते आज डिगा मैं,
सब था ठोकरा खा के माँ,
दिल दुखियां मेरा एहो चाह्व्दा,
छड देवी मतलबी संसार नु,
माँ जगदम्बे शेरा वालिये,
आज खोल दे भरे भण्डार नु,
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ……
माँ तेरे बिन मुझ पापी नु,
दस माँ कौन सम्बलेगा,
बे आसरे निमाने पूत नु,
माँ बिन केहडा पालेगा,
तेरे चरना च एहो मेरी अर्जी माँ,
माँ तू भूली न तू दास सेवादार नु,
माँ जगदम्बे शेरा वालिये,
अज खोल दे भरे भंडार नु
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ,