चाँद चमके सदा रौशनी के लिए

  • chaand chamke sda roshani ke liye

चाँद चमके सदा रौशनी के लिए
मेरी पूजा है मेरे पति के लिए

साल का इक दिन मेरा अपना है दिन,
वर्त ये मेरा है दिन अन अरजल के बिन
सिर्फ उनकी बनी जिन्दगी के लिए
मेरी पूजा है मेरे पति के लिए

जब तलक न मुझे दीखता चन्द्रमा ,
तब तलक धोलती है मेरी आत्मा
ये कठिन पल सजे हर ख़ुशी के लिए
मेरी पूजा है मेरे पति के लिए

हर घडी हर सुहागन की है कामना
रोज अपने पति का करे समाना
ऐसा वर्त कौन रखता किसी के लिए
मेरी पूजा है मेरे पति के लिए

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