बिजली चमकन लागी बदरिया में जब जन्मे कृष्ण कन्हैया
बिजली चमकन लागी बदरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया
बूंधे पड़ रही रेन अंधेरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
नींद में तो गए पहरे वाले
बिन चाबी के खुल गए ताले।।
जब होगये काल कुथरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
बिजली चमकन लागी बदरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
मात पिता को दर्शन देयो
क्या करन सब समझे देयो।।
हुए धक धक मां के जियारा में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
बूंधे पड़ रही रेन अंधेरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
नंद गाओ को चले बसु जी
राखे सूप में श्री कृष्ण जी।।
जमुना बह रही ऊंची लहरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
बिजली चमकन लागी बदरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
राज अनादि कहे सही जी
नंद भवन में पाहुचे वासु जी
लाए कन्या को गोकुल नगरीय से
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।
बूंधे पड़ रही रेन अंधेरिया में
जब जन्मे कृष्ण कन्हैया।।