भोला दानी रे भोला दानी पिये सदा भंगिया का प्याला

  • bhola dani re bhola dani piye sada bhangiyan ka pyala

भोला दानी रे भोला दानी,
भोला दानी भोला दानी भोला निराला,
पिये सदा भंगिया का प्याला,
काले काले रे काले काले,
काले नागों की माला को अपने गले में है डाले,
जो चाहे मांगो जो चाहे ले लो,सोना चांदी हीरा मोती,
सब देने वाला रे भोला दानी भोला दानी,

भोले बाबा जी के सब हैं पुजारी नर हो या नारी,
ये सब संसारी दर के भिखारी,
सारे भक्तों के हितकारी त्रिशूलधारी भोले भंडारी नंदीवाले नागधारी ॥
अब तक किसी को भी देकर निराशा,
इसने कभी अपने दर से ना टाला रे भोला दानी भोला दानी…

सबसे बड़े जग में है यही ज्ञानी भोले वरदानी त्रिशूल पाणी,
शिव औघड़ दानी रे ।
गाते हैं सब इनकी वाणी यह जग के प्राणी पंडित और ज्ञानी, राजा रानी जोगी ध्यानी ॥
जपता सदा शर्मा है जिसकी माला,
कहलाता है शिव डमरू वाला रे भोला दानी भोला दानी…

https://youtu.be/GJZOn41y6ZU

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