भंडार भी भरते हो उपकार भी करते हो

  • Bhandar Bhi Bharte Ho Upkar Bhi Karte Ho

भंडार भी भरते हो-०२
उपकार भी करते हो,
श्री कुबेर जी आए है-०२
हृदय भी निवास करो,
भंडार भी भरते हो-०२
उपकार भी करते हो,
भंडार भी भरते हो-०२

तुम भाव का गागर हो,
गागर में सागर हो-०२
हृदय में बस जाओ,
तेरा ध्यान हम करते है,
भंडार भी भरते हो-०२
उपकार भी करते हो,
भंडार भी भरते हो।

तुम कावेरी प्यारे हो,
शिव जी के दुलारे हो,
तुम कावेरी प्यारे हो,
शिव जी के दुलारे हो,
अलकापुरी बस्ते हो-०२
तुम कृपा करते हो,
भंडार भी भरते हो-०२
उपकार भी करते हो,
भंडार भी भरते हो।

जो शीश झुकाता है,
जो चाहे मिल जाता है,
जो शीश झुकाता है,
जो चाहे मिल जाता है,
स्वर्ण सिंहासन पर तुम-०२
अब आप विराजे हो,
भंडार भी भरते हो-०२
उपकार भी करते हो,
श्री कुबेर जी आए है-०२
हृदय भी निवास करो,
भंडार भी भरते हो।


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