भजो रे मन गोविंदा
गोविंदा…
गोविंदा…
वंशी बजाये व्याकुल बनाये,
मीठी धुन पे सबको नचाये,
वृन्दावन में गइयाँ चराये,
सखियन के संग रास रचाये,
सुन्दर बालमुकुन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा।
नयन तिहारे कारे कारे,
सब गोपियन पे जादू डारे,
सांवली सूरत मोहिनी मूरत,
मन को कोई ना कैसे हारे
सब ग्वालन में रसिया बड़ा है-०२
जो तारन बिच चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा।
मटकी फोड़े माखन खाये,
पनघट पे पपिहन को सताये,
नटखट क्या क्या रूप दिखाये,
संग सखा के खेल रचाये,
छैल छविला बांके बिहारी-०२
डाले प्रेम का फन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा।
कान्हा मुखड़ा राधा है दर्पण,
कान्हा है राधा के अर्पण,
कान्हा जी तुझे मिल जायेंगे
करलो बस राधा का दर्शन,
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर-०२
काटो भव का फन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
सुन्दर बालमुकुन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
जो तारन बिच चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
डाले प्रेम का फन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
काटो भव का फन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा।