भजो रे बूढ़ी खेरमाई

  • bhajo re budhi khermai

माई धूमावती के दर्शन कर लो
भजो रे बूढ़ी खेरमाई माँ
अरे बाना निकरें निकरें जवारे
नाचें जोगिनियां साथ माँ

अरे नारियल फूल जासोन की माला
माई के मन को भाए माँ
अरे मनसा पूरण करता हैं माता
खूब भरे भंडार माँ

अरे खप्पर में हरे हरे जवारे
जब निकरें एक साथ माँ
अरे धूनी को झूला निकरें न्यारे
शोभा वरनी न जाए माँ

अरे बाना छिदावे मोरी माई के लंगुरवा
माई के दुलारे बूढ़ी माई के लंगुरवा
छेड़ रहो पंडा छिदवा रहे लंगुरवा
ए बाना छिदावे मोरी माई के लंगुरवा

अरे बड़े बड़े बना भगत ले आवें
छोटे छोटे बना भगत ले आवें
माई के द्वारे चढ़ाएं माँ
अरे जय बूढ़ी माई की बोल बोल के
भक्तों ने बाना छिदवाए माँ

अरे आगे हनुमान जी की बेड़ा चलता है
पीछे पीछे भैरों लाल माँ
अरे बीच में चले मोरी बूढ़ी खेरमाई
ए सातों बहनिया साथ माँ

अरे जब पंडा ने निबुआ निचोड़ो
देवी मारें किलकार माँ
अरे मचल मचल देवी कला दिखावें
ए पंडा से संभारी न जाए माँ

अरे हाथ जोड़ तोरे भगत खड़े हैं
द्वारे पे करत गुहार माँ
अरे अपनी शरण में रखियो माता
मत्रु भी खड़ो है तोरे द्वार माँ

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