भज ले राम
भजले प्यारे सांझ सवेरे
इक माला हरी नाम की
जिस माला में राम नही है
वो माला किस काम की
भजले राम सिया राम
राधे श्याम सीता राम
नाम के बल पर अंगद जी ने
रावन को ललकारा था
लेकर नाम प्रभु का उसने
सबा में प्यार जमाया था
महिमा अपर पार है प्रभु
राम चंदर भगवान की
भजले राम सिया राम
राधे श्याम सीता राम
इक माला तो बजरंगी ने
माँ सीता से पाई थी
बजरंगी ने तोड़ तोड़ कर
भूमि पर बिखराई थी
बजरंगी के हिरदये वसी थी
मूरत सीता राम की
भजले राम सिया राम
राधे श्याम सीता राम
बड़े भाग से तुम ने भाई
मानव तन ये पाया है,
काम करो तुम कोई
जिस में प्रभु सन्देश पाया
सब मिल कर अब जय बोलो
प्रभु राम चंदर भगवान की
भजले राम सिया राम
राधे श्याम सीता राम
भजले प्यारे सांझ सवेरे
इक माला हरी नाम की
जिस माला में राम नही है
वो माला किस काम की
भजले राम सिया राम
राधे श्याम सीता राम
