भैरव आरती: भैरो नाथ की आरती
॥ श्री काल भैरव आरती ॥
ॐ जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
सुर नर मुनि सब करते-०२
प्रभु तुम्हरी सेवा ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
ॐ जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
सुर नर मुनि सब करते-०२
प्रभु तुम्हरी सेवा ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक,
प्रभु दुःख सिन्धु तारक ।
भक्तो के सुख कारक-०२
भीषण वपु धारक ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी,
देवा कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी-०२
जय जय भयहारी ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
तुम बिन शिव की सेवा सफल नहीं होवे,
सेवा सफल नहीं होवे ।
चतुर्वर्तिका दीपक-०२
दर्शन दुःख खोवे ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी,
प्रभु भाषावाली तेरी ।
कृपा कीजिये भैरव-०२
करो नहीं देरी ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
और यह भी देखें : नैन बिछाए आस लगाए बैठे हैं इंतजार में
पाँव घुँघरू बाजत डमरू डमकावत,
प्रभु डमरू डमकावत ।
बटुकनाथ बन बालक-०२
जन मन हरषावत ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
श्री भैरव जी की आरती जो कोई नर गावे,
प्रभु जो कोई नर गावे ।
सो नर जग में निश्चित-०२
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
सुर नर मुनि सब करते-०२
प्रभु तुम्हरी सेवा ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
सुर नर मुनि सब करते-०२
प्रभु तुम्हरी सेवा ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा ॥