बरसां पाछे आज सजसी राम जी को द्वारो है
बरसां पाछे आज सजसी राम जी को द्वारो है,
यो हर हिन्दू ने प्यारो है ।। टेर ।।
सौभाग सूं भगतों आई घड़ी पावन, प्रभु के वंदन की,
संता के सागे थे सगला करो त्यारी या भूमी पूजन की,
अयोध्या में आज चिमक्यो, मानो ध्रुव तारो है ।। यो … ।।
नगरी अयोध्या तो ऐसी सजी भगतों, ज्यूं लागे गुल बनड़ी,
स्वागत में रघुवर के उत्सुक बड़ी दुनियां बिछायां नैण खड़ी,
दशरथ नंदन राम, सारी दुनियां ने प्यारो है ।। यो … ।।
श्रीराम को ऐसो बणसी भवन न्यारो, गगन न चूमतो,
दरसण करण तांई हर भक्त आसी जी, श्रद्धा सूं झूमतो,
‘हर्ष’ भगत बोले, गूंजे श्री राम को नारो है ।। यो … ।।
