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बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की

  • balihari balihari bolo dashrath nandan laal ki

चिंता करे बलाये हमारी इस माया जंजाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की,
चिंता करे बलाये हमारी इस माया जंजाल की।।

जिस मालिक ने जनम दिया है अन्न वस्त्र भी देवेगा,
सर ढकने को छत भी देवेगा खबर हमारी लेवेगा,
भजन करो निर्भय हो चिंता, छोड़ो रोटी दाल की,
भजन करो निर्भय हो चिंता, छोड़ो रोटी दाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की।।
भजन करो निर्भय हो छोड़ो चिंता रोटी दाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की।।

होगा भाग्य से मिलेगा चाहे घर में हो या बाहर हो,
भाग्य बिना कोई भोग ना पावे तीली हो या नाहर हो,
शांत रहो हर हाल में तुम और शरण रहो गोपाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की।।
शांत रहो हर हाल में तुम और शरण रहो गोपाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की।।

भिक्षु यति कहे इस काया से तुम ममता का त्याग करो,
एक दिन जलकर राख बनेगी कभी ना इसमें राग करो,
गोरी हो या काली हो पर चादर है ये खाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की।।
गोरी हो या काली हो पर चादर है ये खाल की,
बलिहारी बलिहारी बोलो दशरथ नंदन लाल की।।

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