बैठी हो माँ सामने कर सोलह श्रृंगार

  • baithi ho maa samne kar solah shringar

बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार,
तू करुणा की है मूर्ति,
और ममता का भण्डार,
बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार……….

निरख रही हो हम भक्तों को,
बड़े प्यार से जग जननी,
इसी तरह हम भक्तों को भी,
तेरी ही सेवा करनी,
तू हर दम देती रहना,
हमको माँ प्यार दुलार,
बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार………

तेरी ममता की छाया में,
इसी तरह हम पले बढ़े,
तेरी कृपा से ही माता,
हम अपने पैरों पे खड़े,
तेरे बच्चों को देने में,
तू करती नहीं इंकार,
बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार………

हम बच्चों पर हरदम मैया,
आशीर्वाद तुम्हारा हो,
हर्ष कहे माँ शेरोवाली,
हरपल साथ तुम्हारा हों,
तू हाथ दया का रखना,
साँचा तेरा दरबार,
बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार…….

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