बड़ी पावन है ग्यारस की रात घर में कीर्तन कराया है
बड़ी पावन है ग्यारस की रात
घर में कीर्तन कराया है
श्याम बाबा को घर में बुलाया है
बड़ी पावन है ग्यारस की रात।।
दिन रात देखु बस एक सपना
खाटू वाला श्याम आये मेरे अंगना
फूल और कलियों से घर को सजाते
श्रद्धा की ज्योति मन में जलाते
तेरे आने की राह निहारा है
बड़ी पावन है ग्यारस की रात।।
गहरा है नाता श्याम का जिनसे
मिलने आता हां सांवरा उनसे
कृपा बरसती जिसपे इनकी
तक़दीर लिखता हाथो से उनकी
हर ग़म का अँधेरा छिप जाता है
बड़ी पावन है ग्यारस की रात।।