बड़े प्रेम से मनाऊ गजानन लाज मोरी रख लेना
प्रथम नमन गुरुदेव का
दूजा मनाऊ गणेश
पांच देव रक्षा करे ब्रम्हा विष्णु महेश
मात पिता परमात्मा
पति सेवा गुरुजान
मिल संग संग चालिए
ओ नर चतुर सुजान
बड़े प्रेम से तुमको मनाऊं
लाज मोरी रख लेना
विनय मोरी सुन लेना गणराजा
भक्तो ने प्यारा प्यारा आसन सजाया
बड़े प्रेम से तुमको बिठाया
चरणों में आज तुम्हारे
शीश हम झुकायेंगे
बैठेंगे बैठेंगे जब सत्संग में
भजन तेरे गायेंगे
मन से जो भी तुमको मनावे
जीवन की वो सारी खुशियो को पाये
भक्तो पे हे मेरे देवा
कृपा बरसाएंगे
बैठेंगे बैठेंगे बैठेंगे जब सत्संग में
भजन तेरे गाएंगे