बड़ा ही निराला है मेरा शिव शंकर पीए विष का प्याला
तर्ज प्यारा सा मुखड़ा
भोला सा बाबा साधु का वेष
इनका ठिकाना पर्वतों पे
बड़ा ही निराला है मेरा शिव शंकर
पीए विष का प्याला है मेरा शिव शंकर
सज रहे हैं भोले आज तन पे है भसम रमाए
सारे देव मिलकर भोले शंकर को आज सजाएं
नंदी पर बैठा तो बड़ा प्यारा लगता है मेरा शिव शंकर
पीए विष का प्याला है मेरा शिव शंकर
बेलपत्र चढ़ाकर अपने बाबा को आज मनाऊं
भांग घोट कर मैं अपने भोले को आज पिलाऊं
डमरू ये बजाता है मेरा शिव शंकर
पीए विष का प्याला है मेरा शिव शंकर
लकी कहता प्यारे भोले का तू ध्यान लगाले
इनके चरणों में तू अपना सारा जीवन बिताले
दुखों को हरता है मेरा शिव शंकर
पीए विष का प्याला है मेरा शिव शंकर