बचपन की यादो में खोया

  • bachpan ki yaado me khoya

बचपन की यादो में खोया भावो का तूफ़ान उठा और मैं
यादो में बेह सा गया

इक आभास सा हुआ के जैसा पिता का साया पड़ा मुझ पर
और दिल भर सा गया,
बचपन की यादो में खोया भावो का तूफ़ान उठा और मैं

जिन हाथो को पकड़ के मैंने उठना चलना सिखा था,
जिनके सनेह से मेरा बचपन इतना सुंदर बीता था
जिनकी गोद में खेला करता पिता वो दूर हुए मुझे,
और दिल भर सा गया
इक आभास सा हुआ के जैसा पिता का साया पड़ा मुझ पर

पिता के प्रेम के ऋण को कोई चूका न पाए
पिता की सेवा से ही जीवन धन्य हो जाए,
नमन पिता को जिन्हों ने अपना नोछावर सब कर दिया,
और दिल भर सा गया ……

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