बानी भूखल हम जितिया बरतिया

  • Baani Bhukhal Ham Jitiya Baratiya

बानी भूखल हम जितिया बरतिया,
रहे हमर बबुआ खुशहाल,
बानी भूखल हम जितिया बरतिया,
रहे हमर बबुआ खुशहाल,
कबहुँ आबे न बेटा पर विपतिया,
जुगे जुगे जीयस हमर लाल,
कबहुँ आबे न बेटा पर विपतिया,
जुगे जुगे जीयस हमर लाल।

जितिया के दिन इस कथा को जरूर सुनें: जितिया (जीवित्पुत्रिका) व्रत कथा

सतमी नहाय खाय, अष्टमी के निराजल,
नौवीं के करव हम पूजन,
भूलव जे कउनो पूजा के नियमिया,
सासु जी से अपना पुछव,
सतमी नहाय खाय, अष्टमी के निराजल,
नौवीं के करव हम पूजन,
भूलव जे कउनो पूजा के नियमिया,
सासु जी से अपना पुछव,
बानी भूखल हम जितिया बरतिया,
रहे हमर बबुआ खुशहाल,
कबहुँ आबे न बेटा पर विपतिया,
लाल हमर रहस खुशहाल।


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