अजब अनोखा कर के श्रृंगार

  • Azab Anokha Karke Shringar

अजब अनोखा कर के श्रृंगार, हो कर नंदी पर वो सवार-०२
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी-०२

देवगण बाराती, ब्रह्मा विष्णु भी है साथ आये,
देवियां भी मिलकर, शोभा बारात की सब बढ़ाये,
ऋषि मुनियों संग नारद, महिमा गाते हैं भोलेनाथ की,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।

शुक्र और शनिचर, अपनी लीला अलग ही दिखाएं,
भूत प्रेत चुड़ेले देखो, हुडदंग कैसा मचाए,
कोई नाचे कोई कूदे, कोई दिखलाता है लंबे दांत जी,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।

और इस भजन का भी अवलोकन करें: गूँजे सदा जयकार हो भोले तेरे भवन मे

चली बारात शिव की, आई राजा हिमाचल के द्वारे,
भागे है लोग डर कर , बंद कर ली हैं घर की किवाड़ें,
नगरी में शोर हुआ, घर घर चर्चा है बारात की,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।

ब्याह हुआ खुशी से, देव सारे गए अपने घर को,
है मगन गौरा जी, पाया है आज मन चाहे वर को,
धन्य हुआ धरती गगन, सुन के महिमा तेरी भोलेनाथ जी,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी-०२


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