अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र अर्थ
ॐ – ईश्वर का प्रणाम करने के लिए प्रथम बीज मंत्र।
ह्रीं – माया और लक्ष्मी देवी का बीज मंत्र, यह शक्ति को प्रस्तुत करता है।
श्रीं -लक्ष्मी देवी का बीज मंत्र, धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि का प्रतीक।
क्रीं -कार्य सिद्धि के लिए उपयुक्त बीज मंत्र।
कुबेराय – धन के देवता कुबेर को स्तुति करने के लिए।
अष्ट-लक्ष्मी – अष्टलक्ष्मी देवियों का संबोधन, जो धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्रतिष्ठा की जाती हैं।
मम -मेरे लिए।
गृहे -घर में।
धनं – धन को।
पुरय – पूरा करें।
नमः – नमस्कार करता हूँ, आदर करता हूँ।
हे कुबेर भगवान! हे अष्टलक्ष्मी! मेरे घर में धन की पूर्ति हो इसके लिये मै आपको नमस्कार करता हूँ।