अजब तेरी कारीगरी रे करतार

  • ajab teri karigari re kartar

किस विधि करे बखान प्रभु, तेरे कोटि कोटि उपकार।
कल तक थी खाली झोली, और आज भरे भण्डार।

अजब तेरी कारीगरी रे करतार,
समझ ना आए माया तेरी, बदले रंग हज़ार।

देने वाले तूने यह घर खुशीओं से भर डाला,
तेरी दया ने पल में दाता क्या से क्या कर डाला।
तू सब से बड़ा है दानी, तेरी लीला किस ने जानी,
जग सोच सोच गया हार, अजब तेरी कारीगरी रे करतार॥

छोटा सा संसार हमारा स्वर्ग बनाए रखना,
इस बगिया में सदा ख़ुशी के फूल खिलाए रखना।
चाहे राजा हो या भिखारी, तूने विपदा सब की टारी,
अरे वाह रे पालन हार, अजब तेरी कारीगरी रे करतार

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