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अयिगिरि नन्दिनी महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम्

  • Aigiri Nandini Mahishasurmardini Stotram

मधुमधुरे मधुकैटभ गञ्जिनि कैटभ भञ्जिनि रासरते,
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड वितुण्डित शुंड गजाधिपते,
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते,
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते,
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते,
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदूत कृतान्तमते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

माँ… ओ माँ…
माँ… ओ माँ…

अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे,
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे,
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनाद महोमुखरीकृत दिङ्मकरे,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

माँ… ओ माँ…
माँ… ओ माँ…

अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते,
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भव शोणित बीजलते,
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

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धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके,
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हतावटुके,
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते,
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते,
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

माँ… ओ माँ…
माँ… ओ माँ…

जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते,
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुर शिञ्जितमोहित भूतपते,
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते,
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते,
माँ रम्यकपर्दिनि शैलसुते।

माँ… ओ माँ…
माँ… ओ माँ…


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