आई सिंघ पे सवार

  • AAYI SINGH PE SWAR

आई, सिंघ पे सवार, मईया ओढ़े चुनरी ॥
ओढ़े, चुनरी, मईया ओढ़े चुनरी ,
आई, सिंघ पे सवार, मईया………….

आदि शक्ति है, मात भवानी, जय दुर्गे माँ काली l
बड़े बड़े, राक्षस संघारे, रण चंडी मतवाली ll
करे, भक्तों का, उद्दार ‘मईया ll, ओढ़े चुनरी……….
आई, सिंघ पे सवार, मईया………….

महिषासुर सा, महाँ बली, देवों को ख़ूब सताया l
छीन लिया, इन्द्रासन और, देवों को मार भगाया ll
करी, देवों ने, पुकार ‘मईया ll, ओढ़े चुनरी……….
आई, सिंघ पे सवार, मईया……….

दुर्गा का, अवतार लिया झट, महिषासुर संघारी l
दूर किया, देवों का संकट, लीला तेरी न्यारी ll
किया, देवों पे, उपकार ‘मईया ll, ओढ़े चुनर…………
आई, सिंघ पे सवार, मईया………..

जो कोई जिस, मनसा से मईया, द्वार तिहारे जाता l
हर इच्छा, होती पूरी और, मुँह माँगा फल पता
तेरा, गुण गावे, संसार ‘मईया ll, ओढ़े चुनरी
आई, सिंघ पे सवार, मईया……..

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