आया हु मैया दर पे तुम्हारे
आया हूं मैया दर पे तुम्हारे
सब कुछ मैं अपना छोड़के
तुमसे मिलने को
दुनिया की फिकिर है ना, किसी का है डर मुझे
बस एक तमन्ना है कि में देख लूं तुझे
आया हूं मैया…….
आते है लोग आपके, दीदार के लिए
नज़रे करम तो करदो, बीमार के लिए
आया हूं मैया…….
हम तो कभी किसी का बुरा सोचते नही
हमसे ना जाने क्यों ये ज़माना खिलाफ है
आया हूं मैया…….
अपने दरबार से कुछ भीख दया की देदो
जिसलिए लोग तेरे दर पे चले आते है
आया हूं मैया…….
तुम्हारे दर पे मैं फरियाद लेके आया हूं
तुम्हे सुनाने को पैगाम संग मैं लाया हूं
आया हूं मैया…….
दरबार से उनके कोई खाली नहीं गया
मायूस होके दर से सवाली नही गया
आया हूं मैया…….
हम सब का मेरी मैया ऐसा नसीब हो
जब जब तुझे पुकारे वो तेरे करीब हों
आया हूं मैया…….