आवांगें हर साल दाती तेरे आवाँगे
आवांगें….. आवांगें हर साल, दाती तेरे आवांगें।
पावागें…. पावागें मुहो मंगिया, मुरादां पावागें।
आवांगें….. आवांगें हर साल, दाती तेरे आवांगें।
बाल बच्चे विच, सुख़ बरसावी।
दुःख भुख दी, प्यास मिटावी।।
पूरे करी सवाल, दाती तेरे आवांगें।।
आवांगें….. आवांगें हर साल…..
भेटां चुन्नियाँ, छतर लेआईए।
आरती वेले, ज्योत जगाइए।।
झंडे झुलाईए लाल, दाती तेरे आवांगें।।
आवांगें….. आवांगें हर साल…..
मावां हुंदिया, ठंडिया शावां।
पुत्र भूलन, नहीं भुलदिया मावां।।
साडा करी खयाल, दाती तेरे आवांगें।।
आवांगें….. आवांगें हर साल…..
इको चीज दी, लोड़ है दाती।
होर ना कोई, थोड़ है दाती।।
जे तू बक्शे बाल, दाती तेरे आवांगें।।
आवांगें….. आवांगें हर साल…..
कन्या पूजन, जज्ञ कराइए।
परमारथ विच, माया लिआईये।।
खूला देयो धनवान, दाती तेरे आवांगें।।
आवांगें….. आवांगें हर साल…..
धर्म शर्म, शुभ कर्म सिखां दे।
बच्चे साडे, पास करदे।।
लेंन दुआ दा थाल, दाती तेरे आवांगें।
कट्टे चौरासी जाल, दाती तेरे आवांगें।
आवांगें….. आवांगें हर साल…..