आरती करिए शिव शंकर की उमापति भोले हरिहर की
आरती करिए शिव शंकर की,
उमापति भोले हरिहर की,
चंद्र का मुकुट शीश पे सोहे,
नाग की माला मन को मोहे,
मुनि मन हारी छवि सुंदर की,
आरती करिए…
जटा से बहती गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी,
भोलेनाथ प्रभु गंगाधर की,
आरती करिए….
संग विराजे पार्वती प्यारी,
गणेश कार्तिक की महतारी,
अर्धनारीश्वर गिरजापति की,
आरती करिए…
पीवत सदा जहर का प्याला,
राम नाम का है मतवाला,
नीलकंठ जय रामेश्वर की,
आरती करिए…..
जो शिवनाथ की आरती गावे,
अपनो जीवन सफल बनावे,
विपदा मिटे सदा जन-जन की,
आरती करिए….
