आरती जग जननी जग तारणि
जग जननी जग तारणि ओ मेरी मां
आरती उतारू तोरी मां।।(२)
काहेन को तेरो बैठका, काहे न पखारू तेरो पाओ २
जग जननी जग तारणि….…
अगर चंदन को तेरो बैठका, दूधन पखारू तेरो पाओ २
जग जननी जग तारणि….…
कहा उतारू तेरी आरती कहा उतारू तेरो भार २
जग जननी जग तारणि….…
मडिया उतारू तेरी आरती भुवन उतारू तेरो भार २
जग जननी जग तारणि….…
कौन वरन तेरी आरती कौन वरन तेरो भार २
जग जननी जग तारणि….…
कर्पूर वरन तेरी आरती लॉन्ग वरन तेरो भार २
जग जननी जग तारणि….…
सभी जन उतारे तेरी आरती सभी जन उतारे तेरो भार २
जग जननी जग तारणि….…
जग जननी जग तारणि ओ मेरी मां
आरती उतारू तोरी मां।।(२)