|

आरती गिरिजानंदन की स्तुति है विघन निकंदन की

  • Aarti Girijanandan Ki Stuti Hai Vighan Nikandan Ki

आरती गिरिजानंदन की
स्तुति है विघन निकंदन की
आगम निगम सकल के ग्याता
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
भक्तो के सब दुख के त्राता
पूजित प्रथम गणेश कहाता
गाये मुनि गजना की
आरती गिरिजियनंदन की
स्तुति विघन निकंदन की

नव संस्कृति के अद्भुत उधगम
बुद्धि विवेक ज्ञान युक्त उत्तम
विद्या बाल वैभव के संगम
अनुप्रनीत जिनसे जड़ जंगम
पूजन पार्वती नंदन की
आरती गिरिजानंदन की
आरती गिरिजियनंदन की

मात पिता के आज्ञा कारी
गण नायक गण के हितकारी
अर्थ जानो के भव भये हारी
भक्तो के चिर मंगल कारी
विनती गौरी नंदन की
आरती गिरिजानंदन की
आरती गिरिजियनंदन की

मोदक प्रिये लंबोदर नामा
मूषक वाहन परम ललामा
चतुर विशेष गणेश गुन ग्राम
सवीकृत हो अरविन्द प्रणामा
भजन ये गौरी नंदन की
आरती गिरिजानंदन की
आरती गिरिजानंदन की

मिलते-जुलते भजन...