आप पधारो कुलदेवी मोटी मावड़ी जी

  • aap padharo kuldevi moti mavdi ji

आप पधारो कुलदेवी मोटी मावड़ी जी,
बालकिया बुलावे थाने गिरवर राय…..

कंचन कलश थाली करश्या, आंगन आरती जी,
मुख देख्या सुख अति आनंद, समाय,
आप पधारो……..

मंदिर सुन्दर थरपी मठ में थारी मूर्ति जी,
पावा शुभ दर्शण मन हर्षाय,
आप पधारो…….

आओ थे लायाओ नवलख सकत्या सारी साथ में जी,
कला गोरा भैरव रास रमाए,
आप पधारो………..

चरना रै शरनेअम्बे दिज्यो म्हाने चाकरी जी,
नित उठ करा सेवा ज्योत जगाए,
आप पधारो………

पिगा मां पानी समद्र सुख्यो सरो आंकड़ों जी,
अम्बे थारी महिमा को पार ना पाए,
आप पधारो……..

सदा ही सुहागन रखो चूड़ो अमर चुंदड़ी जी,
बेटी बहु सरन मै आशिसा पाए,
आप पधारो…….

अर्जी मां सुन के किरपा क्रज्यो थारा दास पे जी,
सूत मे सुमिष्ण गुण नित गाय,
आप पधारो……..

आप पधारो कुलदेवी मोटी मावड़ी जी,
बालकिया बुलावे थाने गिरवर राय…..

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