आज के युग में मानवता इंसान छोड़ कर दूर हुए

  • aaj ke yug me manavta insaan chod kar door hue

आज के युग में मानवता इंसान छोड़ कर दूर हुए,
इसी किये मंदिर मस्जिद भगवान छोड़ कर दूर हुए,

कर्म भी पैसा धर्म भी पैसा और पैसा ईमान बना,
मोह माया में फस गया पैसा इतना अब पैसा भगवन बना,
माया के चकर में वेद कुरान छोड़ कर दूर हुये,
इसी किये मंदिर मस्जिद भगवान छोड़ कर दूर हुए,

झूठे जग में फस गया इतना हरी का नाम भुलाया है ,
झूठे जग में धुब गया ये और मोह में भरमाया है,
मतलब की खातिर ये धर्मी मान छोड़ कर दूर हुए,
इसी किये मंदिर मस्जिद भगवान छोड़ कर दूर हुए,

झूठे नाते बना लिए अब सेवा सतिकार नही,
मतलब की खातिर अपना है जग में सचा प्यार नि,
अभी इंसान इंसानों की पहचान छोड़ कर दूर हुए,
इसी किये मंदिर मस्जिद भगवान छोड़ कर दूर हुए,

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