जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हूँ श्री गणेश
जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हूँ श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
सूख देने वाले विध्नहर को हर पहर करता हूँ नमन,
गणपति की भक्ति में न्यौछावर मेरा तन मन औऱ धन।।
हर किसीसे प्रेम कर लो,
जाने कब मिल जाये प्रभु किसके भेष।।
जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश।।
ज्ञान देने वाले विद्याधर जी, सब को सन्मति दीजिए,
हम सब है ठहरे अज्ञानी, सब पर अपनी कृपा कीजिए।।
हर कोई मिल जुलकर रहे,
है गजनना, सुख शांति का दीजिये आशीष।।
जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हूँ श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश।।