तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे
तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे,
कोरे मटके का जैसे मीठा पानी लागे,
तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे।।
ऊंचे पर्वत पर जायस पूर्वा सुहानी लगे,
तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे।।
पहले खत के कागज में हमेशा,
साजन का अक्ष उभारत है,
स्वाति की एक बूंद को तरसे,,
प्यासा पपीहा मरता है।।
भक्त और भगवान की देखो,
ऐसी कहानी है,
तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे।।
सेहरा में मृग तृष्णा लेलो,
उठा समुंदर लायी है।।
पहले सावन की बदली,
जैसे दुल्हन पे छाया है,
तेरे एक दर्शन की गणेशा,
भक्त दीवानी है,
तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे,
तेरी भक्ति गणेश ऐसी प्यारी लगे।।