गणराजा आशीष देने आओ
गणराजा आशीष देने आओ
तेरी भक्ति में एक शक्ति है
मेरे काज सांवरो।।
गणराजा आशीष देने आओ
तेरी भक्ति में एक शक्ति है
मेरे काज सावरो।।
गणराजा मंगल करने आओ
तुझे पूजा है मैंने दिल से
तुझे मन है मैंने दिल से
मेरे काज सावरो।।
गज मुख की मंगल मूरत न्यारी
वक्र तुंड की महिमा सबसे न्यारी
यहा रिद्धि वहा सिद्धि
सुख के सूरज को उजालो
मेरे काज सावरो।।
विद्या के अधिपति है कहलाते
मूषक की सवारी पर वो आते
शुभ कार्य में पहले है वो
सारे संकट को निवारो
मेरे काज सावरो।।
लड्डू मोदक तुमको भोग लगाउ
लब्बोदार की कृपा का फल पौ
मेरी भावना मेरी कामना
मेरी नैया पार उतारो
मेरे काज सावरो।।
गनराजा आशीष देने आओ
तेरी भक्ति में एक शक्ति है
तेरी भक्ति में ही शक्ति है
मेरे काज सावरो।।
गनराजा मंगल करने आओ
तुझे पूजा है मैंने दिल से
तुझे मन है मैंने दिल से
मेरे काज सावरो।।