विघनहरण मंगल करण जय जय गिरिजा लाल
जय गणपति सद गुन सदन
कवि वर बदन कृपाल
विघनहरण मंगल करण
जय जय गिरिजा लाल।।
मौर्य बप्पा मौर्य जय देवा
आया है बप्पा मौर्य श्री गणेश।।
शिवजी के वो आंखें के तारे
पार्वती के राज दुलारे।।
करके मूषक सावरी
आया है श्री गणेश।।
जोभि द्वारे तुम्हारे आटा
खाली हाथ कभी नहीं जाता।।
बिगड़े काज तुही बनता
तू है सबका भाग्य विधाता।।
सिद्धि विनायक संकट हारी
विघ्नेश्वर शुभ मंगल कारी।।
सबके प्रिय सबके हितकारी
तुम हो सबके चिंतन प्यारे।।
महादेव के प्यारे मां गौरी के दुलारे
सबके विघन हरता है मेरे श्री गणेश।।
आया है श्री गणेश
गजानन गण गणेश ॐ गणपतये नमः।।
एक दंत है चार भुजा धारी
देवो में सब देव से पहले
पूजा तुझको दुनिया सारी।।
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता
दीन दुखियो के भाग्य विधाता।।
मोदक प्रिये मिट्टी मंगल दाता
विद्या वार बुद्धि विधाता।।
महादेव के प्यारे मां गौरी के दुलारे
सबके विघन हरता है मेरे श्री गणेश।।
आया है श्री गणेश
आया है श्री गणेश।।