घर में पधारो ओ देवा गजानन
गली गली में धूम मची
और चारो दिशाओं में मेला
घर में पधारो ओ देवा गजानन
घरे पधारो ओ देवा।।
तुही तो मन में है
तुही मेरे जीवन में
तेरी ही भक्ति में तेरी ही पूजा में
डूबे है तेरी लगन में
तेरे नाम की गिन कर माला
रहता हूं तुझमें मगन में।।
घर में पधारो ओ देवा गजानन
घरे पधारो ओ देवा।।
तेरा ही गुण गान करता हूँ मैं
रखना तू हमको नज़र में
गाओ की गलियां भी फूलो की कलिया भी
रंगी है तेरे आसर में।।
साथ हमारे सूरज चंदा
आए हैं तेरी शरण में
गणपति बप्पा मोरया।।
घर में पधारो ओ देवा गजानन
घरे पधारो ओ देवा।।