प्रथम पूज्य गणपति देवा दीजे आशीष करु सेवा
प्रथम पूज्य गणपति देवा
दीजे आशीष कारु सेवा
तूने तारा है जग मुझे तरिया
सबके भाग्य सांवरिए
और सबके दर्द उबरिये।।
सब देवो में बाबा गजानन
प्रथम देव कहलाते हो।।
सब विधि पूजन कर्म कांड में
पहले पूजा जाते हो।।
सब हुए तैयारी पधारिए
सबके भाग्य सांवरिए
और सबके दर्द उबरिये।।
एक दंत हो दया वंत हो
बाबा चार भुजा धारी।।
करके आओ हे लंबोदर
आब तो मूश सावरी।।
तूने तारा है जग
मुझे भी तरिये।।
सबके भाग्य सांवरिए
और सबके दर्द उबारिये।।