गणपति घर मेरे आना जी आके दरश दिखाना जी
गौरी पुत्र गणेश जी मैं पूरे करियो काज
तुम्हारे दरश को तरस रहे मोहे दर्शन दीजिए आज
जय जय गौरी लाल जय जय गौरी लाल।।
गणपति घर मेरे आना जी
आके दरश दिखाना जी
बिगडे सारे काज बनके
सोया भाग्य जगना जी।।
गणपति घर मेरे आना जी
आके दरश दिखाना जी।।
प्रथम वंदना गरम तुम्हारी
प्रथम में पूजा जाते हो
एक दन्त तुम दया वंत तुम
लंबोदर कहलाते हो।।
रिद्धि सिद्धि के दाता तुम हो
पूजे तुम्हें जमना जी
गणपति घर मेरे आना जी
आके दरश दिखाना जी
गौरी सुत गणराज गजानन
जग के तुम रखवाले हो
शिव जी तुम्पे नाज करे
तुम शिव की आंखें के तारे हो
गौरा मां और शिवजी को भी
संग में लेकर आनाजी
गणपति घर मेरे आना जी
आके दरश दिखाना जी।।
मूषक राज की करके सवारी
जब तुम सम्मुख आवेगो
अपने इस राजेश पे देवा
लड्डू मेवा करेंगे अर्पित
रुच रुच भोग लगाएंगे।।
गणपति घर मेरे आना जी
आके दरश दिखाना जी।।