महिमा है अप्रम पार बोलो जय जय गजानन
गणपति जग दा आधार
बोलो जय जय गजानन
महिमा है अप्रम पार
बोलो जय जय गजानन
बप्पा गजानन बप्पा गजानन
नाम जपे संसार
बोलो जय जय गजानन
महिमा है अप्रम पार
बोलो जय जय गजानन
शिव है पिता और गौरा है माता
प्यारी देखें है ये गणपति की गाथा
कैसे है गणपति जग में है आया
कैसे गजानन नाम धरये
कैसे हुआ है अवतार बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन
तन के मेल से पुत्र बनाकर
बिठाया बालक ने गोरा ने बहारी
आने ना देना किसी को भीतर
स्नान गई आदेश सुनाकर
वोटो बने मैया के पहरे दरो
बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन
शिव शंभू जब आए लौटकर
जाने लगे शिव गुफा के भीतर
आके सामने राष्ट्र है रोका
शिव जी को गणपति ने टोका
क्रोधित हुए गौरी कुमार
बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन
शिव शंकर तब रोश में आए
दौड़ पड़े हैं त्रिशूल उठाये
युद्ध हुआ दोनो में भारी
शास्त्र चला के भंडारी
शीश दिया है उतरी
बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन
गौरा माँ जब बहार आई
देख पुत्र को माँ अकुलाई
पुत्र वियोग था माँ को भारी
मन के हरे डमरू धारी
रोव माँ गोरा बरम बार
बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन
तब शिव ने गज शीश मंगाया
पुत्र के तन वाह शीश लगा:
तन अपने गज शीश है धारा
सबने उन्हे फिर गजानन पुकार
वंदन करे है संसार
बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन
अति बलधारी अति बलवंत
प्रथम सुमिर्ते सुर नर संत
रिद्धि सिद्धि है संग तिहरे
शुभ लाभ चले तेरे इशरे
विघानो को देते हैं तारो
बोलो जय जय गजानन
गणपति जग का आधार
बोलो जय जय गजानन