गणेश जी के दोहे विघ्न हरण गण नाथजी
गणेश जी के दोहे
विघन हरण गण नाथजी
कृपा करो महाराज
सुख संपत्ति देजिए
रखियो मेरी लाज।।
नाना वर्ण सुदेश है
मुख प्रसन्ना शशि भाल
लंबोदर भुज चार है
नेत्र तीन रंग लाल।।
मदन दहन के पुत्र को
सुमिरु बरम बार
विघन कटैये संकट मिताये
मंगल होए अपार।।
विघन हरण गण नाथ जी
कृपा करो महाराज
सुख संपति देवो प्रभु
रखियो मेरी लाज।।
नाना वर्ण सुदेश है
मुख प्रसन्न शशि भाल
लंबोदर भुज चार है
नेत्र तीन रंग लाल।।
विघन हरण गण नाथजी
कृपा करो महाराज
सुख संपत्ति देजिए
रखियो मेरी लाज।।