माता पिता गोठें गणेश जी
देवा देवा,
जय गणेश देवा,
देवा देवा,
जय गणेश देवा !
मोरवा पे बइठल कार्तिक जी घूमें,
मोरवा पे बइठल कार्तिक जी घूमें, धरती के आरी आरी,
माता पिता गोठें गणेश जी,
माता पिता गोठें गणेश जी, कइके मुसवा सवारी-०२
शिव पार्वती सामने गइलें हो दोनों भाई,
हमनी में के महान बा, ये देतीं बताई,
बाल प्रश्न सुनके हँसे पार्वती मइया,
भोले के ओरी देख कहे करीं कुछ उपाईया,
सबसे पहले पृथ्वी के फेरा जे लगाई,
शिव कहे जगत में वो महान कहाई,
वो महान कहाई,
कार्तिक मगन हमार बा मोर उड़वइया,
चिंतित गणेश जी मुस पैदल चलवइया,
देव गण बा अचंभित, कइसन इ लीला-०२
के जीती और के हारी,
माता पिता गोठें गणेश जी,
माता पिता गोठें गणेश जी, कइके मुसवा सवारी-०२
ओर इस भजन को भी देखें: घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
देवा देवा,
जय गणेश देवा,
देवा देवा,
जय गणेश देवा !
उड़े मोरवा पे कार्तिक बहुत तेज से,
पृथ्वी के नापे हवा के वेग से,
पकड़े गणेश जब माता पिता पास,
इहे मोर धरती इहे मोर आकाश,
गणेश जी के बुद्धि पर शिव जी लुभइलें,
गणपति महान गौरा से बतइलें,
गौरा से बतइलें,
अद्भुत ये किस्सा, जग जाने ला,
गणपति महान हउए, सब माने ला,
ज्योति मृतुन्जय एही से पूजे-०२
इनका के सब नर नारी,
माता पिता गोठें गणेश जी,
माता पिता गोठें गणेश जी, कइके मुसवा सवारी-०२