रख लाज मेरी गणपति अपनी शरण में लीजिए
रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए।
कर आज मंगल गणपति, अपनी कृपा अब कीजिए॥
रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए।
कर आज मंगल गणपति, अपनी कृपा अब कीजिए॥
सिद्धि विनायक दुःख हरण, संताप हारी सुख करण।
करूँ प्रार्थना मैं नित्त प्रति, वरदान मंगल दीजिए॥
तेरी दया, तेरी कृपा, हे नाथ हम मांगे सदा।
तेरे ध्यान में खोवे मति, प्रणाम अब मम लीजिए॥
करते प्रथम तव वंदना, तेरा नाम है दुःख भंजना।