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बाँधु जिसपे राखी

  • Baandhu Jispe Rakhi

हो बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए माँ,
बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए,
माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर-०२
हो बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए-०२
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए-०२
माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर-०२

हीरे मोती सोना चांदी, मांगू कब माँ,
बंगले की गाड़ी की भी, कोई चाह ना,

माँ हीरे मोती सोना चांदी, मांगू कब माँ,
बंगले की गाड़ी की भी, कोई चाह ना,
सुना सुना लगे जग, भाई के बिना,
आँख हो जैसे रोशनाई के बिना,
दीपक हूँ मैं तेल बाती के बगैर-०२
डाल दो माँ झोली में, मुरादों वाली खैर-०२
सारी दुनिया ना, ना खुदाई चाहिए माँ,
सारी दुनिया ना, ना खुदाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए,
माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर-०२

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जब जब राखी का त्यौहार आये माँ,
अँखियों में मेरे आंसू भर आये माँ,

ओ जब जब राखी का त्यौहार आये माँ,
अँखियों में मेरे आंसू भर आये माँ,
बात नहीं मैया कुछ मेरे बस की,
लाख रोक रुक नहीं पाती सिसकी,
हर सिसकी ने यही शिकबा किया-०२
मैया तूने काहे इक भाई ना दिया-०२
सिसकियों की होनी सुनवाई चाहिए, ओ माँ,
सिसकियों की होनी सुनवाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए,
माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर-०२

माँ दुःख सुख बांटे जो सरल स्वभाव हो,
पूरा मेरे मन का हर चाव हो,

हो दुःख सुख बांटे जो सरल स्वभाव हो,
पूरा मेरे मन का हर चाव हो,
देख देख मुखड़ा मैं वारी जाउंगी,
बांधूगी राखी मैं टीका लगाउंगी,
होगी जब शादी फूली ना समाऊँगी-०२
गाउंगी मैं घोड़ियां शगुन मनाऊंगी-०२
गाने को लक्खा बस बधाई चाहिए-०२
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए,
माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर-०२
हो बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए,
बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए,
बस बहना कहने वाला एक भाई चाहिए,
माँ पूरी मेरी आस कर, खड़ी मैं कब से तेरे दर-०४


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