पट खोल मेरे बाबा ओ डमरू वाले

  • pat khol mere baba o damru wale

पट खोल मेरे बाबा ओ डमरू वाले ओ डमरू वाले
भगत जनों की भीड़ लगी है दर्श की दर पे आस लगी है
आई घड़ी अनमोल अनमोल मेरे बाबा ओ डमरू वाले

तू शिव शंकर महा वरदानी दूजा नही कोई तेरा सानी,
आसान से तू डोल अब डोल मेरे बाबा
ओ डमरू वाले

भूल भगत की मन में भरियो कर के दया सब संकट हरियो
भगतो को मत टाल मेरे बाबा
ओ डमरू वाले

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