भंगियाँ घोट दूंगी घोट तेरी भोले नाथ

  • bhangiyan ghot dungi ghot dungi teri bhole nath

मत न दूर करे मने भोले राख लो अपने,
भंगियाँ घोट दूंगी घोट तेरी भोले नाथ,

मस्त रहो तुम भंगियाँ पी के बैठे लगा समाधि,
हाथ जोड़ चरना में बैठी बाबा तेरी दासी,
बड़े प्रेम से तने मनाओ पूरी करदो आस,
भंगियाँ घोट दूंगी घोट तेरी भोले नाथ,

जय कारा तेरा बोले के भोले भक्त तेरे दर आवे,
गंगा जल भर के लोटो में कंधे कावड़ उठावे,
अब तो मेहर करो गंगा धर गंगा तेरे साथ,
भंगियाँ घोट दूंगी घोट तेरी भोले नाथ,

नाग फिरे तेरे गल में बाबा माथे चंदा साजे,
जटा में तेरी गंगा मैया हाथ में डमरू भाजे,
तेरे रूप कट रहा चाला बाबा भोले नाथ,
भंगियाँ घोट दूंगी घोट तेरी भोले नाथ,

राम नाम तेरे गल में रहता नील कंठ कहलाये,
भगत सतिंदर सारी संगत ने यही समजाये,
सावन का यु मस्त महीना तने नुहाउ नाथ,
भंगियाँ घोट दूंगी घोट तेरी भोले नाथ,

अटल अटारी बैठे शमभू पहाड़ो पे तेरा डेरा,
भुला गा न शान तेरा तुम काम बना दो मेरा,
अब तो ाजो बम भोले सूर्ये देखे बात,

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