दयो वरदान मुझे भक्ती का जागो शंकर बम लहरी

  • dayo vardan mujhe bhakti ka jaago shankar bam lehri

दयो वरदान मुझे भक्ती का जागो शंकर बम लहरी,
अन्न धन का भण्डार खोल दयो सेवा करा मालिक थारी

अंग भभूती ललाट चंद्रमा मुण्डीयन की माला पहरी
बासुकी नाग गले में टूले शीश जटा गंगा बह री

गांजा सुल्फा भाँग धतूरा नशा करे शंकर जहरी
अमल तमाखू भाँग छुन्तरा प्याय रही गौरां प्यारी

भक्ती से वरदान ले लियो तपस्या जाय करी गहरी
भस्मी कड़ो दियो दाने न शिव के गेल हुयो बैरी

आगे शंकर लेर दानो देण लग्या खण्ड में फेरी
गिरिजा रूप धरयो विष्णू न दाने की करदी ढेरी

दस शीश रावण के बकश्या बीस भूजा हस्ती गहरी
विजये का वरदान पायके राम परणी सीता हरी

काशी चेला शिव संकर का पार करो इनकी फेरी
पलक उघाड़ो अन्तर यामी सुमरण का पासा गेरी

झिलल झिलल वालो कूम्हलावे आवन की मत कर देरी
रामजी लाल बिड्द बखाणे सुण भोला करुणा मेरी

जय शंकर शम्भू
जय श्री नाथ जी की

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