हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर

  • He Tripurari He Shivhankar

हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर, करुणा के अवतार,
राउर महिमा अगम अपार,
हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर, करुणा के अवतार,
राउर महिमा अगम अपार,
हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर, करुणा के अवतार,
राउर महिमा अगम अपार,
महिमा अगम अपार।

बिहुला के सेंदुर लौटाउनि, सावित्री के भाग्य सजाउनि-०२
दुःख के सागर से केतना के, नाव लगाउनि पार,
राउर महिमा अगम अपार,
हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर, करुणा के अवतार,
राउर महिमा अगम अपार,
महिमा अगम अपार।

और इस भजन का भी अवलोकन करें: तीनो लोको में भोले के जैसा दूसरा कोई दानी नहीं है

आज तीज त्यौहार सुहावन, लाग रहल बा बड़ा डरावन-०२
उमड़ रहल बा आफत सिर पर, सगरो भइल अन्हार,
राउर महिमा अगम अपार,
हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर, करुणा के अवतार,
राउर महिमा अगम अपार,
महिमा अगम अपार।

औघड़ दानी रउआ बानी, दुःख ना तारब तब के जानी-०२
उठ जाइ विश्वाश लोक से, रक्षा करीं हमार,
राउर महिमा अगम अपार,
हे त्रिपुरारी हे शिवशंकर, करुणा के अवतार,
राउर महिमा अगम अपार,
महिमा अगम अपार,
महिमा अगम अपार, महिमा अगम अपार।


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