कल्पतरु पुन्यातामा प्रेम सुधा शिव नाम

  • kalptaru punyaatama prem sudha shiv naam

कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम
हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम
पतित पावन जैसे मधु शिव रस नाम का घोल
भक्ति के हंसा ही चुगे मोती ये अनमोल
जैसे तनिक सुहाग सोने को चमकाए
शिव सिमरन से आत्मा उज्जवल होती जाए
जैसे चन्दन वृक्ष को डसते नहीं है साँप
शिव भक्तों के चोले को कभी न लगे दाग
ॐ नमः ॐ शिवाये

दया निधि सती प्रिय शिव है तीनो लोक के स्वामी
कण कण में समाये है नीलकंठ त्रिपुरारी
चंद्रचूड के नेत्र उमापति विश्वेश
शरणागत के ये सदा कांटे सकल क्लेश
शिव द्वारे प्रपुंच का चले न कोई खेल
आग और पानी का जैसे होता नहीं मेल
तांडव स्वामी नटराज है डमरू वाले नाथ
शिव आराधना जो करे शिव है उनके साथ

ॐ नमः ॐ शिवाये

लाखों अश्वमेध यज्ञ है जैसे गंगा स्नान
इनसे उत्तम है सखी शिव चरणों का ध्यान
अलख निरंजन नाद से उपजे आत्मा ज्ञान
भक्तों को विश्वास मिले हो पूरण सब काम
महाबली महादेव है महा प्रभु महाकाल
असुर निकंदन भक्तों की पीड़ा हरे तत्काल
ॐ नमः ॐ शिवाये

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