माँ ऊचे पहाड़ो से नीचे उतर आओ माँ

  • maa uche pahado se niche utar aao maa

कभी मन्दिर से अपने घर मेरे आओ माँ
माँ ऊचे पहाड़ो से नीचे उतर आओ माँ
कभी मन्दिर से अपने घर मेरे आओ माँ
ऊचे पहाड़ो…….

मैं कई बार मईया तेरे द्वार घूम आई,
मै नंगे पाव आकर तेरे पाव चूम आई,
अब मुझ पर भी अपनी ममता बरसाओ माँ.
कभी मन्दिर से…….
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नित दहियौ मे मईया गुण गाउ में अम्बे,
बिन तेरे कभी देवी ,मैं रही न जगतम्बे माँ,
अब और मुझे माता तुम न तरसाओ माँ,
कभी मंदिर से…….

मेने बचपन से तेरे उपवास रखा है माँ,
तेरी मूरत को दिल के मेने पास रखा है माँ,
अपनी पुजारन को दर्शन दिखलाओ माँ,
कभी मंदिर से…….

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