हनुमत डटे रहो आसन पर

  • hanumat datte raho aasan par

हनुमत डटे रहो आसन पर
जब तक कथा राम की होय

माथे इनके मुकुट विराजे
कानन कुंडल सोहे
एक काँधे पर राम विराजे
दूजे लक्ष्मण होय……..

एक काँधे पर मुगदर सोहे
दूजे परवत होय
लड्डुअन का तेरो भोग लगत है
हाथ पसारे लोग ……..

तुलसीदास आस रघुवर की
हरि चरनन चित होय
अंग तुम्हारे चोला सोहे
लाल लंगोटा होय…….

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